नई दिल्ली: आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) के सुप्रीमो चंद्रशेखर आज़ाद प्रधानमंत्री के नाम एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET के ऑल इंडिया कोटा में भारत सरकार द्वारा OBC आरक्षण को राज्य स्तर पर ख़त्म किया जाना संविधान सम्मत नहीं है। जैसा कि सर्वविदित है कि ओबीसी आरक्षण संविधान के भाग 16 और अनुच्छेद 340 के आधार पर मंडल कमीशन के माध्यम से आया है। इस कमीशन की रिपोर्ट से यह पाया गया कि ओबीसी की सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक स्थिति अनुकूल नहीं है। इसीलिए ओबीसी को 27% आरक्षण दिया गया।
उन्होंने कहा कि अगर इस वर्ग की जनसंख्या प्रतिशत को देखें तो इस देश की कुल आबादी का लगभग 52% हिस्सा ओबीसी का है लेकिन आरक्षण मात्र 27% ही है। सरकार को इस संदर्भ में संज्ञान लेते हुए ओबीसी आरक्षण को उसकी जनसंख्या के अनुपात में 52% तक बढ़ाकर सुनिश्चित किया जाना चाहिए। 13 जुलाई 2021 में NEET की परीक्षा में आए विज्ञापन से यह स्पष्ट हुआ है कि ओबीसी को सरकार द्वारा NEET में राज्य स्तर पर आरक्षण नहीं दिया जा रहा है। इस गैर संवैधानिक रवैये से ओबीसी बेहद उद्वेलित व नाराज है. मैं इस पत्र के माध्यम से पिछड़े वर्ग की चिंता और परेशानी की बात आप तक पहुंचा रहा हूं। उम्मीद करता हूं कि आप इसका तत्काल संज्ञान लेंगे।
उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि हर साल की तरह होने वाली NEET परीक्षा की तारीख शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने घोषित कर दी है। साथ ही इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है. नोटिफिकेशन में कहा गया है कि सरकार ऑल इंडिया कोटा के तहत राज्य के मेडिकल कॉलेजों में ओबीसी आरक्षण इस साल लागू नहीं करेगी।
चंद्रशेखर ने कहा कि पिछले ही वर्ष, मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को ओबीसी आरक्षण लागू करने का निर्देश दिया था और इसके लिए एक कमेटी बनाने को कहा था। वह कमेटी तो बनाई गई, लेकिन उसकी सिफारिश के आधार पर ओबीसी कोटा लागू करने की जगह रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी गई। सुप्रीम कोर्ट 2015 से इस बारे में सुनवाई कर रहा है. जाहिर है आपकी सरकार की मंशा ओबीसी आरक्षण लागू करने की नहीं, मामले को टालने की है. 2017 से इस टालमटोल की वजह से 15,000 से ज्यादा ओबीसी छात्र मेडिकल की पढ़ाई नहीं कर पाए हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार का ये कदम संविधान के अनुच्छेद 15(4), 16 (4) और केंद्रीय शिक्षा संस्थानों में आरक्षण कानून 2006 का उल्लंघन है. 2006 का कानून स्पष्ट कहता है कि ओबीसी को आरक्षण दिया जाएगा.
चंद्रशेखर ने कहा कि ओबीसी भारत का सबसे बड़ा सामाजिक समूह हैं, जिसमें देश के कम से कम 70 करोड़ लोग हैं. सरकार उनकी शिक्षा की आकांक्षाओं को कुचलकर क्या हासिल करना चाहती है? और किसे खुश करना चाहती है ? ये समझना मुश्किल है. आप खुद भी दावा करते हैं कि आप पिछड़ी जाति के हैं. लेकिन NEET पर आपकी सरकार जैसा व्यवहार कर रही है, उससे लगता नहीं है कि आपकी सरकार ओबीसी का भला चाहती है.
आज़ाद समाज पार्टी के सुप्रीमो ने कहा कि मेरा अनुरोध है कि NEET में ओबीसी का आरक्षण राज्य स्तर पर लागू करें. अन्यथा हम इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाएंगे।