फैसल खान
सहारनपुर: दुनिया के हर हिस्से में ऐसे लोग मौजूद हैं जो अमन बिगाड़ने की हर मुमकिन कोशिश में लगे रहते हैं और अब ये कोशिश हुई है गंगा जमुनी तहज़ीब के शहर सहारनपुर में जहां पर स्कुलों में पढ़ाई जाने वाली एक किताब में हज़रत मुहम्मद साहब की तस्वीर छापी गई है,ये किताब विद्या प्रकाशन मंदिर द्वारा प्रकाशित है और किन्ही रेणु विश्नोई द्वारा लिखे गए चैप्टर में ये तस्वीर छपी है,शासन प्रशासन सभी जानते हैं कि ऐसी तस्वीरों पर दुनिया के कई देशों में बवाल हो चुका है और उसकी वजह है इस्लाम मज़हब में ऐसी किसी भी तस्वीर या कार्टून छापने की सख्त मनाही है तो फिर आख़िर कियूं ये सब करके मुसलमानों के जज़्बातों को उभारा जा रहा है?
दुनिया भर में किया हो रहा है उसके पीछे न जाकर हमे अपने मुल्क की सलामती और अखंडता संप्रभुता को मद्देनजर रखना है और ऐसी कोई भी हरकत जिसकी वजह से किसी भी धर्म के पीर पैग़म्बर या संत भगवान की महानता को ठेस पहुंचती हो और उनके मानने वालों की भावनाएं आहत होती हैं किसी भी कीमत पर न तो करनी है और न होने देनी हैं,
अब सवाल उठता है कि सहारनपुर के वो सभी वरिष्ठ समाजसेवी और धार्मिक लोग आखिर कर किया रहे हैं और इस सेंसेटिव मामले को लेकर शासन प्रशासन तक अपनी बात मजबूती से पहुंचा भी रहे हैं या नही?शासन प्रशासन के आला अधिकारियों तक ये बात मजबूती के साथ पहुँचाई जानी चाहिए कि फौरन इस किताब के मुद्रक और प्रशासक समेत लेखक के ख़िलाफ़ ऐसी कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए कि वो नज़ीर बन जाये ऐसे तमाम लोगों के लिए जो दूसरे मज़हब के लोंगो के धार्मिक जज़्बात उभार कर दंगे कराना चाहते हैं और शहर या देश के अमन को पलीता लगाकर अपनी रोटियां सेंकना चाहते हैं,
जिस एजेंसी के पास ये किताबें हैं या जहां से आगे स्कूलों में सप्लाई हो रही हैं इसमें उनकी उतनी बड़ी गलती नज़र नही आती कियूंकि हो सकता है उसकी जानकारी में अबसे पहले ये बात आई तक न हो मगर असल गलती लेखक और प्रकाशक की है और उनको इबरत्नाक सज़ा हर हाल में दी जानी ज़रूरी भी है और ये इंसाफ का तकाजा भी है,
बहरहाल तमाम मुस्लिम संगठनों से गुज़ारिश है कि मामले को संजीदगी से लेकर शासन प्रशासन पर लेखक और प्रकाशक पर कड़ी कानूनी कार्यवाही करने का दबाव बनाएं और इस मामले पर कोई भी ऐसी हरकत पेश न आने दें जिससे कानून व्यवस्था भंग हो,शांति व्यवस्था बनाये रखना है कानून पर अमल करना है कोई ऐसी हरकत नही करनी है जिससे प्रशासन के सामने असहज स्थिति पैदा हो और हमको ही शर्मसार होना पड़े,
शासन प्रशासन और तमाम धर्मो के धार्मिक संगठनों से भी अपील है कि वो सब भी इस मामले को लेकर प्रशासन पर दबाव बनायें जिससे इस विवादास्पद किताब पर पाबंदी लगे और लेखक मुद्रक प्रशासक पर सख्त कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जा सके,
(फैसल खान, यू पी 24 न्यूज़ सहारनपुर)