कुरान हिफ्ज करने के लिए छोड़ा क्रिकेट, मां को किया इंकार, बाप ने टैक्सी चलाकर पाला, डेब्यू में अबरार ने रचा इतिहास

इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच (Pakistan vs England, 2nd Test) में पाकिस्तान ने अच्छी शुरुआत की. मुल्तान में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट (Pakistan vs England, 2nd Test) में इंग्लैंड की टीम 281 रन पर सिमट गयी. डेब्यू मैच खेल रहे अबरार अहमद ने रिकॉर्ड सात विकेट हासिल किये.

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अपने पहले ही मुकाबले में अबरार ने फिरकी का ऐसा जादू बिखेरा कि मेहमान टीम देखती ही रह गई. डेब्यू टेस्ट खेल रहे अबरार के घर में क्रिकेट का ही माहौल था. Pakistan vs England, 2nd Test में डेब्यू कर रहे अबरार के पिता इस खेल के बड़े फैन थे. वहीं अबरार का बड़ा भाई शहजाद खान घरेलू क्रिकेट खेलता था.

Imageइंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक अबरार छह साल की उम्र में ही गेंदबाजी समझने लगे थे. डेब्यू कर रहे अबरार ने मुल्तान के मैदान पर सहवाग की तूफानी पारी देखी थी. मुल्तान टेस्ट मैच देखते-देखते अबरार गेंदबाजों की गलतियां निकाल रहे थे. पिता से उलट अबरार की मां उन्हें आलिम बनाना चाहती थीं

जब अबरार नौ साल के साथ थे तो मां की इच्छा पर उन्होंने हिफ्ज (कुरान याद करना) किया. कुरआन पाक हिफ्ज करने के लिए दो साल के लिए क्रिकेट से दूर हो गए. इसके बाद अबरार की मां ने बेटे से कहा कि वह इस्लामिक साइंस की पढ़ाई करें. हालांकि अबरार ने कहा कि आलिम नहीं क्रिकेटर बनना चाहते हैं.

यह पहला मौका था जब अबरार ने किसी चीज के लिए अपनी मां को इनकार किया. 24 साल के अबरार बचपन से ही कैरिबियाई खिलाड़ी सुनीर नरेन को यह लेग स्पिनर अपना आइडल मानता था. जब 19 साल की उम्र में वह पहली बार पाकिस्तानी टीम में आए तो सकलेन मुश्ताक समेत पूरी टीम ने उनका इस बात का बहुत मजाक उड़ाया था कि अबरार अब्दुल कादिर को नहीं जानते.

आपको बता दें कादिर को पाकिस्तान का महानतम लेग स्पिनर माना जाता है. इस दौरान उनके पिता ने उनका हौंसला बढ़ाया जो एक समय पर रोजाना 20 घंटे टैक्सी चलाकर परिवार को पालते थे. अबरार ने कायद-ए-आजम के साथ वापसी की और फिर सीनियर टीम में जगह बनाई.