नई दिल्लीः बॉलीवुड की पूर्व अदाकारा सना खान और उनके व्यवसायी पति मुफ्ती अनस सैयद इन दिनों मदीना में हैं। रमज़ान महीने की शुरुआत में ही वे मक्का में उमराह करने के बाद वे मदीना चले गए। चूंकि सऊदी अरब में भारत से एक दिन पहले पहले ईद मनाई जाती है, इसलिए सना ख़ान और मुफ्ती अनस पहले मदीना में और फिर अगले दिन मुंबई में ईद मनाएंगे।
यह दंपति अमीर मुस्लिम जायरीनों में से है जो उमराह के लिए गए हैं, वहां ईद मनाएंगे और ईद के त्योहार पर अपने परिवार और दोस्तों के साथ रहने के लिए भारत लौट आएंगे। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार मुफ्ती अनस ने कहा कि “सना और मैं 18 से 25 अप्रैल तक मक्का में थे और अब हम मदीना में हैं। मेरे माता-पिता भी यहां हैं लेकिन सना के माता-पिता मुंबई में हैं, हमारे टूर ऑपरेटर अल खालिद टूर्स एंड ट्रैवल्स ने हमारी यात्रा इस तरह से निर्धारित की है कि हम जश्न मनाएंगे मुंबई में भी ईद।”
बता दें कि नवंबर 2020 में उनकी बहुप्रचारित शादी के बाद से इस दंपत्ति का यह दूसरा उमराह है। सूरत में कपड़ा व्यवसाय करने वाले मुफ्ती अनस ने स्वीकार किया कि भारत में ईद मनाने का अपना आकर्षण है। अनस कहते हैं, “आपके परिवार के सदस्य और दोस्त बधाई देने और खाने के लिए आ रहे हैं। इसमें बहुत खुशी है। हम इसे मिस नहीं करना चाहते हैं।”
जानकारी के लिये बता दें कि हज साल में एक बार किया जाता है, जबकि उमरा साल भर किया जा सकता है और रमज़ान में उमराह के लिए एक बड़ी भीड़ होती है क्योंकि अगर कोई रमज़ान में उमराह करता है तो ऐसा लगता है कि उसने पैगंबर मुहम्मद के साथ हज किया है। अल खालिद टूर्स के युसूफ अहमद खेरेदा कहते हैं, “कई उमराह पर जाने वाले जायरीन अपनी यात्रा को इस तरह से निर्धारित करने के अनुरोध के साथ हमसे संपर्क करते हैं कि वे सऊदी अरब में और भारत में अपने घर पर ईद मनाएं। हम उनके टिकट बुक करवाते हैं।”
बेंगलुरु के व्यवसायी फारूक महमूद और उनकी पत्नी ने पिछले दो दशकों में रमजान में उमराह को कभी नहीं छोड़ा। हां बीते दो वर्षों में महामारी के कारण वे उमराह नहीं कर पाए थे। महमूद कहते हैं कि वह दुनिया में कहीं भी हों, लेकिन ईद के लिए घर पर ही रहते हैं। वे कहते हैं कि “तीन साल पहले जब तक मेरे पिता जिंदा थे, मैं उनके साथ ईद का दिन बिताता। अब मेरी 90 वर्षीय मां, मेरे बच्चे और पोते-पोतियां बैंगलोर में हैं। मक्का में ईद मनाने के बाद, हम पहले मुंबई के लिए उड़ान भरेंगे और फिर बेंगलुरू के लिए फ्लाइट लेंगे, ताकि वहां भी ईद मना सकें। महमूद कहते हैं “ईद एक ऐसा दिन है जब आप अपनों के साथ समय बिताना चाहते हैं।”
मुंबई के व्यवसायी अब्दुल हन्नान जाटू पहले मक्का में माता-पिता और बेटी के साथ ईद मनाएंगे, और फिर वे अगले दिन मुंबई में परिवार के अन्य सदस्यों के साथ ईद के त्योहार में शामिल होंगे। अब्दुल हन्ना कहते हैं कि “इस्लाम के दो सबसे पवित्र स्थानों-मक्का और मदीना में होना और नमाज़ अदा करना एक सुखद एहसास है। फिर परिवार के बाकी सदस्यों, दोस्तों और अन्य रिश्तेदारों के साथ ईद मनाने की खुशी को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता।” जाटू 2018 को भी याद करते हैं, तब उन्होंने दो ईद मनाई थी। भारत में ईद चांद के दीदार के आधार पर मंगलवार को मनाई जाएगी।