महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के तीन-तीन केस दर्ज होने के बावजूद महामंडलेश्वर की पदवी पा चुके डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे। उनके द्वारा महिलाओं के खिलाफ अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल लगातार जारी है। पहले राजनैतिक पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं और फिर महिला आयोग की अध्यक्ष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर विवादों में घिरे यति नरसिंहांनंद का नया विवाद मुस्लिम महिलाओं पर की गई अशोभनीय टिप्पणी को लेकर पैदा हुआ है। यति द्वारा किए जा रहे महिलाओं के अपमान को लेकर महिला आयोग ने पुलिस के प्रति नाराजगी जताई है।
This man should be arrested immediately. @Uppolice you did 3 FIRs against him on @NCWIndia ‘s complaint what happened to them? He is not fit to be part of civilized society. @dgpup https://t.co/aaP9quYaif
— Rekha Sharma (@sharmarekha) January 3, 2022
महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा का कहना है कि अगर पुलिस समय रहते यति नरसिंहानंद पर कड़ी कार्रवाई कर देती तो उसकी हरकतों को रोका जा सकता था। पुलिस पर निष्क्रियता और ढुलमुल रवैये का आरोप लगाते हुए आयोग की अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी मुकुल गोयल को पत्र लिखकर यति के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है। साथ ही पुलिस द्वारा यति नरसिंहानंद के खिलाफ की गई कार्रवाई से महिला आयोग को अवगत कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।
@NCWIndia held a hearing in the matter today. @dgpup ADG Meerut & SSP Ghaziabad were present during the hearing. The officials informed Chairperson @sharmarekha that charge sheet has been filed in all the 3 FIRs against Yati Narsinghanand & the matter is now before court of law. https://t.co/b3Ewg8jl2o
— NCW (@NCWIndia) January 11, 2022
उत्तर प्रदेश के डीजीपी को लिखे पत्र में महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा है कि उन्हें वसीम अकरम त्यागी नामक शख्स ने ट्वीटर पर एक वीडियो शेयर की है। इस वीडियो में यति नरसिंहानंद किसी घाट पर बैठकर सम्प्रदाय विशेष की महिलाओं के लिए आपत्तिजनक टिप्पणी करते सुनाई दे रहा है। वीडियो के आधार पर वसीम अकरम त्यागी ने उनसे पूछा है कि क्या वह यति के खिलाफ कोई एक्शन लेंगे? राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने डीजीपी को भेजे पत्र में शिकायत की कि यति के खिलाफ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। जबकि राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम की धारा 10 (1) 1990 के अनुसार किसी महिला को घूरना और फ ब्तियां कसना आदि अपराध है। पुलिस की निष्क्रियता और ढुलमुल रवैये की वजह से ही यति का आज तक कुछ नहीं हुआ। जिसका नतीजा यह है कि वह अपने व्यवहार से अभी भी बाज नहीं आ रहा है। रेखा शर्मा का कहना है कि यति नरसिंहानंद द्वारा महिलाओं के लिए इस्तेमाल की जा रही भाषा महिलाओं के सम्मान के साथ जीने के अधिकार का उल्लंघन है और उसकी विनम्रता के लिए अपमानजनक। जिसके चलते आयोग की अध्यक्ष ने डीजीपी को खुद हस्तक्षेप कर यति के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
पूर्व में आयोग के निर्देश पर पुलिस ने नहीं की यति पर कार्रवाई
डीजीपी को लिखे पत्र में महिला आयोग की अध्यक्ष का कहना है कि आयोग पहले भी कई मामलों में यति नरसिंहानंद के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दे चुका है। लेकिन पुलिस ने अब तक उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। जिससे वह किसी भी धर्म की महिलाओं पर अनुचित टिप्पणी करने से बाज नहीं आ रहा है। आयोग यति पर ठोस कार्रवाई न करने के लिए पुलिस की निष्क्रियता और ढुलमुल रवैये से क्षुब्ध और चिंतित है। आयोग ने डीजीपी को निर्देशित किया कि वह खुद इन मामलों में तुरंत हस्तक्षेप कर यति नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ सख्त कार्रवाई कराएं। साथ ही पुलिस की कार्रवाई से आयोग को अवगत कराने को कहा है।
यति पर दर्ज 9 केस में 3 महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी के
यति नरसिंहानंद द्वारा महिलाओं के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी का यह कोई पहला मामला सामने नहीं आया है इससे पूर्व भी वह इस तरह के विवाद में घिर चुके हैं। पुलिस रिकॉर्ड की मानें तो यति के खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में संगीन धाराओं के 9 मामले दर्ज हैं जिनमें से तीन केस केवल महिलाओं के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के ही हैं। पूर्व में भी यति नरसिंहानंद का एक वीडियो सामने आया था जिसमें वह महिलाओं के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे। वीडियो सामने आने के बाद मसूरी थाने में एसआई लोगेश कुमार और एसआई अनिल कुमार ने यति के खिलाफ दो केस दर्ज कराए थे। जबकि तीसरा केस महिला आयोग की अध्यक्ष की तहरीर पर पुलिस ने दर्ज किया था। अगस्त 2021 में डीजीपी को ई.मेल के जरिए भेजे पत्र में अध्यक्ष का कहना था कि यति नरसिंहानंद ने उनकी व्यक्तिगत मानहानि की है। ऐसे लोग समाज के लिए खतरा हैं, लिहाजा नियमानुसार केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया जाए। बावजूद इसके स्थानीय पुलिस यति नरसिंहानंद को गिरफ्तार नहीं कर सकी।
महिला सुरक्षा को लेकर खोखले साबित हुए पुलिस के दावे
महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने जिस तरीके से यति के खिलाफ सख्त लहजे में डीजीपी को पत्र लिखा है उससे गाजियाबाद पुलिस के दावों की पोल खुलकर सामने आ गई है। रेखा शर्मा ने यति की लगातार बदजुबानी को पुलिस का ढीलापन करार दिया है। उनका कहना है कि पुलिस के ढीलेपन की वजह से यति लगातार अपने व्यवहार से बाज नहीं आ रहा। आयोग अध्यक्ष की बात से साफ है कि अगर पुलिस ने समय रहते उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की होती तो महिलाओं के सम्मान को तार.तार होने से बचाया जा सकता था। आयोग की अध्यक्ष का पुलिस मुखिया को पत्र लिखकर पुलिस की शिकायत करना यह भी साबित करता है कि जब पुलिस महिला आयोग की अध्यक्ष के केस में ही उचित कार्रवाई नहीं कर सकी तो आम महिलाएं पुलिस से इंसाफ दिलाने की उम्मीद कैसे कर सकती हैं?
खरी- खोटी सुनकर मांद में घुस गई पुलिस, नहीं बना सकी गुंडा
ऐसा नहीं कि यति नरसिंहानंद सरस्वती की जुबान केवल महिलाओं को लेकर ही लडख़ड़ाती हो वह जिले के तमाम आलाअधिकारियों को भी उसी लहजे में गरिया चुके हैं। मामला डासना देवी मंदिर की सुरक्षा का हो या फिर पुलिस द्वारा यति पर कार्रवाई की पहल करने का हो, दोनों ही मामलों में वह पुलिस अधिकारियों से भिड़ चुके हैं। पुलिस द्वारा यति पर की गई गुंडा की कार्रवाई से तो यति नरसिंहानंद ऐसे बौखलाए कि उन्होंने जिले के पुलिस कप्तान, एसपी ग्रामीण और एएसपी सदर के खिलाफ न जाने क्या क्या अनाप.सनाप बका। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में यति ने जिले के आलाधिकारियों की औकात दो कौड़ी की बताते हुए वह सबकुछ कहा जो खाकी के लिए ना काबिले बर्दाश्त हो, लेकिन पुलिस यति पर गुंडा की कार्रवाई को अमलीजामा पहननाने के बजाए खून का घूंट पीकर मांद में जा घुसी। न तो पुलिस और न ही प्रशासनिक अधिकारी यति के खिलाफ गुंडा की कार्रवाई करने की हिम्मत जुटा सके। चर्चा रही कि ऊपरी दबाव के चलते अधिकारी मजबूरीवश ऐसा नहीं कर सके।
क्या कहता है यति नरसिंहानंद
उक्त प्रकरण पर यति नरसिंहानंद ने माना कि उसने वीडियो में जो कुछ कहा है उसे वह स्वीकार करता है। लेकिन उन्होंने जो कुछ कहा है वह किसी के अपमान के लिए नहीं बल्कि सामान्य चलन के चलते ऐसा कहा है। इस पर चर्चा होनी चाहिए। यति ने कहा कि उन्होंने जो कुछ कहा है वह इस्लाम के इतिहास का हिस्सा रहा है। इस पर एफआईआर के बजाए बहस होनी चाहिए। कोई भी व्यक्ति एफआईआर करके सच को नहीं दबा सकता।
क्या कहती है पुलिस?
एएसपी सदर आकाश पटेल का कहना है कि यति नरसिंहानंद पर महिलाओं के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी करने के तीन मामले दर्ज हैं। इन तीनों मामलों में पुलिस आरोपी को 41(1) का नोटिस जारी कर आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर चुकी है। इसके अलावा यति के खिलाफ जो भी मामले हैं उनमें कानूनी कार्रवाई जारी है। महिला संबंधी किसी नए मामले में पुलिस को कोई तहरीर नहीं मिली है। अगर कोई तहरीर मिलती है तो यति पर केस दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।