सुखदः प्रभावी साबित हो रहा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्डका “आसान निकाह़ अभियान” लोग कर रहे सराहना

27 दिसम्बर हिंदुस्तान में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और अन्य संगठनों द्वारा चलाये गए अभियान के परिणामस्वरूप कानपुर में इस वर्ष 45 प्रतिशत निकाह़ मस्जिदों में हुए, रिपोर्ट के अनुसार इस आंदोलन के परिणामस्वरूप मस्जिदों में 6 हज़ार से 7 हज़ार निकाह़ मस्जिदों में हुए और दहेज के लेन-देन में भी कमी आई है।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

इस रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए मौलाना मुहम्मद उमरैन महफ़ूज़ रह़मानी सचिव और अखिल भारतीय संयोजक इस्लाह़े मुआशरा कमेटी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की इस्लाह़े मुआशरा कमेटी की ओर से देशभर में ‘आसान निकाह़ मुहिम’ जारी है और इसके अच्छे प्रभाव और परिणाम सामने आ रहे हैं, विशेषतः मुस्लिम बाहुल्य राज्य उत्तर प्रदेश में इस संबंध में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, इस्लाह़े मुआशरा कमेटी उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों और सदस्यों मुख्य रूप से मौलाना ख़ालिद रशीद फिरंगी महली और मौलाना मेहदी ह़सन ऐनी क़ासमी और अन्य साथियों के प्रयासों से पूरे राज्य में जागरूकता पैदा हुई है।

कानपुर महानगर की हालिया रिपोर्टों के अनुसार इस अभियान का मस्जिदों में हजारों निकाह़ होने का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है और दहेज लेनदेन के सिलसिले में भी मानसिकता में भारी बदलाव देखा गया है और हिंदी दैनिक समाचार पत्र हिन्दुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष 45% निकाह़ मस्जिदों में हुए और निकाह़ से जुड़ी रस्मों में भारी गिरावट आई है, उत्साहवर्धन करने वाली यह रिपोर्ट ऐसी है जिस पर हम अल्लाह तआला का शुक्र अदा करते हैं और इस्लाह़े मुआशरा कमेटी के कार्यकर्ताओं का शुक्रिया अदा करते हैं।

इस्लाह़े मुआशरा कमेटी उत्तर प्रदेश की ओर से जारी बयान में मौलाना मेहदी ह़सन ऐनी क़ासमी ने कहा कि इस उत्साहवर्धक रिपोर्ट पर हम सबसे पहले अल्लाह की बारगाह में शुक्र के सजदे करते हैं और इस्लाह़े मुआशरा कमेटी उत्तर प्रदेश की ओर से कानपुर की मस्जिद के इमामों, उलेमाओं, क़ाज़ी हज़रात और इस्लाह़े मुआशरा कमेटी के सदस्यों और स्वयंसेवकों का हम शुक्रिया अदा करते हैं और यह प्रण लेते हैं कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की इस्लाह़े मुआशरा कमेटी की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के आलोक में बोर्ड के अकाबिरीन की सरपरस्ती में हम “आसान मस्नून निकाह़ मुहिम” को राज्य के प्रत्येक ज़िले और प्रत्येक गांव तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।