10 वर्षीय अब्दुल हन्नान ने पेश की ईमानदारी की मिसाल, लौटाया रुपयों से भरा बैग

बरेली: बरेली का एक 10 वर्षीय बच्चा अब्दुल हन्नान इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बना हुआ है। हन्नान के पिता ऑटो मैकेनिक हैं, उनका पेशा ही लोगों की बिगड़ी हुई गाड़ियों को सुधारने का है, लेकिन उनके बेटे ने ऐसा कारनामा अंजाम दिया है जो समाज के लिये एक मिसाल बन गया है। दरअस्ल इस बच्चे को पांच लाख रुपयों से भरा बैग मिला जिसे उसके मालिक तक पहुंचाने का प्रयास किया।

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नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्टे के मुताबिक़ अब्दुल हन्नान को पांच लाख रुपये से भरा बैग मिला। सड़क पर गिरे बैग को उठाकर वह उसके मालिक तक पहुंचाने के लिए ऑटो के पीछे दौड़ा भी। सफलता नहीं मिली तो वह अपनी मां के पास गया। अब्दुल हन्ना की मां उसे लेकर वहीं पहुंची, जहां उसे बैग मिला था। कुछ देर में बैग गुम होने को लेकर उसका मालिक हैरान-परेशान होकर खोजबीन करता दिखा। जिसके बाद अब्दुल हन्नान ने वह बैग उसके मालिक को लौटा दिया और लौटाकर बच्चे ने सुकून की सांस ली।

बैग में थे पांच लाख रुपये

10 वर्षीय अब्दुल हन्नान 20 अप्रैल को बाज़ार से अंडे खरीदकर घर लौट रहा था, तभी उसने ऑटो रिक्शा से बैग गिरता देखा। उसने बैग उठाया और ऑटो का पीछा किया, वह ऑटो रुकने के लिए जोर-जोर से चिल्लाया, लेकिन गाड़ी नहीं रुकी। बच्चे ने उत्सुकता में बैग खोला तो उसमें 5 लाख रुपये मिले। वह घर लौटा और बैग को अपनी मां तरन्नुम को सौंप दिया। फिर दोनों उस जगह गए, जहां अब्दुल को बैग मिला था और उसके मालिक के वापस आने का इंतज़ार करने लगे।

मस्जिद से कराया ऐलान

इसके बाद उन्हें मस्जिद के से एक निर्माण ठेकेदार के बैग के लापता होने की घोषणा की गई। घोषणा के 10 मिनट के भीतर ही बैग अपने असली मालिक के पास पहुंच गया। बैग लौटने के बाद अब्दुल हन्नान ने कहा कि मुझे हमेशा मेरे माता-पिता और शिक्षकों ने सिखाया है कि किसी और का पैसा रखना गलत है। मुझे पता था कि मुझे इसे वापस करना होगा। अब्दुल का परिवार कोविड महामारी के कारण आर्थिक रूप से कमजोर हुआ है, लेकिन फिर भी उनके मन में बैग को लेकर किसी प्रकार के लालच का भाव नहीं आया।

ठेकेदार का था बैग

बैग के मालिक फिरासत हैदर खान ने बताया कि मैं एक बिल्डर ठेकेदार हूं। 20 अप्रैल को मैं एक ग्राहक से पेयमेंट लेकर अपनी कार से घर लौट रहा था। सड़क जाम थी। इसलिए, मैंने कार पार्किंग में लगा दी और ऑटो ले लिया। मेरे पास दो बैग थे। एक में कपड़े रखे थे और दूसरे में पैसा। कपड़ा वाला बैग रखने के दौरान पैसे वाला बैग नीचे गिर गया। ऑटो आगे बढ़ी तो मेरा ध्यान बैग पर गया। मैंने देखा कि पैसों वाला बैग गिर गया है तो मेरे पैरों से जमीन खिसक गई। मैंने तुरंत ऑटो रुकवाया। बैग की तलाश करने लगा, लेकिन मुझे वह नहीं मिला। इसके बाद मैंने मस्जिद में जाकर वहां मौजूद एक शख्स से मस्जिद लाउडस्पीकर पर बैग के संबंध में ऐलान करने का अनुरोध किया।

हैदर ने कहा कि मैं तो पैसे को लेकर उम्मीद खो चुका था। मैं महसूस कर रहा था कि अब मेरे पैसे मुझे नहीं मिलेंगे। उसी समय अल्लाह के बंदे के रूप में अब्दुल आया और मेरा बैग वापस कर दिया। मैं अब्दुल हन्नान और उसकी मां का बहुत आभारी हूं।

बच्चे को दी अच्छी परवरिश

अब्दुल हन्नान की मां ने कहा कि मैंने अपने बच्चे को हमेशा दया और धर्म के मार्ग पर चलना सिखाया है। दूसरे के पैसों पर हमारा कोई अधिकार नहीं हो सकता। अब्दुल साबरी स्कूल में पढ़ाई करता है। स्कूल के मैनेजर साजिद खान ने कहा कि स्कूल में जो पढ़ाया जाता है, उसका पालन करके अब्दुल हन्नान ने हमें गौरवान्वित किया है। उनकी ईमानदारी के इनाम के तौर पर स्कूल प्रशासन ने उसकी एक साल की फीस माफ कर दी है।

वहीं, एक इस्लामी संगठन जमात रजा-ए-मुस्तफा के उपाध्यक्ष सलमान हसन खान ने अब्दुल को सम्मानित करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अब्दुल हन्नान ने अपने माता-पिता की ओर से दिए गए सच्चे इस्लामी चरित्र और अच्छी परवरिश का प्रदर्शन किया है।