फाइनल में हारकर भी भारत ने रचा इतिहास, कॉमनवेल्थ के इतिहास में पहली बार मिला मेडल

कॉमनवेल्थ गेम्स के फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेट टीम ने भारत को 9 रन से हरा दिया. इसके साथ ही टीम इंडिया का स्वर्ण पदक जीतने का सपना भी टूट गया. एजबेस्टन में रविवार को खेले गए इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया से मिले 162 रनों के लक्ष्य के सामने भारतीय टीम 152 रनों पर सिमट गई.

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ऑस्ट्रेलिया को बड़े स्कोर से रोका
बर्मिंघम के एजबेस्टन क्रिकेट मैदान पर रविवार 7 अगस्त को हुए इस फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया. ऑस्ट्रेलिया ने स्टार ओपनर बेथ मूनी (61) के बेहतरीन अर्धशतक और कप्तान मेग लैनिंग (36) के साथ उनकी बड़ी साझेदारी के दम पर 20 ओवरों में 8 विकेट खोकर 161 रन बनाए थे. भारतीय गेंदबाजों के कसे हुए प्रदर्शन और राधा यादव और दीप्ति शर्मा के हैरतअंगेज कैचों के दम पर भारत ने ऑस्ट्रेलिया को बड़े स्कोर से रोक दिया और अपने लिए जीत लायक लक्ष्य तैयार किया.

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हरमनप्रीत-जेमिमा की दमदार साझेदारी
भारत के लिए इस लक्ष्य का पीछा करते हुए शुरुआत बेहद खराब रही. ग्रुप स्टेज और सेमीफाइनल में धमाकेदार पारियां खेलने वाली ओपनर स्मृति मांधना इस बार सस्ते में निपट गई, जबकि शेफाली वर्मा भी ज्यादा देर नहीं टिकीं. सिर्फ 22 रन पर 2 विकेट गंवाने वाली भारतीय टीम को एक बड़ी और तेज साझेदारी की जरूरत थी. कप्तान हरमनप्रीत कौर और जेमिमा रॉड्रिग्ज ने ये जिम्मेदारी निभाई. रॉड्रिग्ज धीमे खेलती रहीं, लेकिन एक छोर से मोर्चा संभाले रखा, जबकि कप्तान कौर अपना आक्रामक अंदाज दिखाती रहीं.

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गेम्स के पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेहतरीन फिफ्टी जमाने वाली हरमनप्रीत ने फिर अपना कमाल दिखाया और सिर्फ 33 गेंदों में अर्धशतक जमा दिया.

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जेमिमा और हरमनप्रीत कौर के बीच साझेदारी से भारत के जीत की उम्मीदें बढ़ने लगी थीं और लग रहा था कि मैच भारत की झोली में आ जाएगा, लेकिन फिर वही हुआ, जो 2017 के विश्व कप फाइनल में हुआ था. एक-एक कर विकेटों का पतझड़ लग गया. 15वें ओवर में जेमिमा के विकेट के साथ 96 रनों की साझेदारी टूटी और फिर अगली 7 गेंदों के अंदर पूजा वस्त्राकर और कप्तान हरमनप्रीत कौर भी पवेलियन लौट गए.

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ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड और भारत के सिल्वर के अलावा न्यूजीलैंड ने ब्रॉन्ज मेडल जीता. वहीं खिताब की बड़ी दावेदार मेजबान इंग्लैंड को खाली हाथ लौटना पड़ा.