भारत (India) के खिलाफ पहले एकदिवसीय मैच में जिम्बाब्वे (Zimbabwe) की टीम ताश के पत्तों की तरह बिखर गयी. टीम का कोई भी बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजी आक्रमण के सामने नहीं टिक सका. मुकाबले में पहले खेलते हुए जिम्बाब्वे की टीम 40.3 ओवर में महज 189 रन बनाकर आउट हो गई.
भारत के लिए तेज गेंदबाजों ने बेहतरीन गेंदबाजी का प्रदर्शन किया. वहीँ स्पिनर अक्षर पटेल ने भी घातक गेंदबाजी की. टॉस जीतकर भारतीय टीम के कप्तान लोकेश राहुल ने फील्डिंग करने का निर्णय लिया. टीम इंडिया के आमंत्रण पर पहले बल्लेबाजी करने उतरी जिम्बाब्वे की टीम की शुरुआत खराब रही.
जिम्बाब्वे के ओपनर इनोसेंट काया और मारुमानी क्रमशः 4 और 8 रन बनाकर आउट हो गये. इन फॉर्म बल्लेबाज सिकन्दर रजा 12 रन बनाकर आउट हो गए. 66 रनों पर 5 विकेट गंवाने के बाद मेजबान टीम मुश्किल में थी. अनुभवी चकाबवा ने 35 और एवांस ने 33 रन का योगदान दिया.
जिम्बाब्वे की तरफ से एनगारवा ने भी 34 रनों की पारी खेली. 18 अगस्त को टीम इंडिया के कप्तान केएल राहुल ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी. राहुल ने मैच में दीपक चाहर से गेंदबाजी की शुरुआत कराई. तेज गेंदबाज चाहर ने चाहर ने 11वें ओवर तक ही जिम्बाब्वे के शीर्ष 3 विकेट हासिल कर लिए.
दीपक चाहर और कृष्णा और सिराज ने मिलकर सात विकेट हासिल किये. भारत के लिए दीपक चाहर, प्रसिद्ध कृष्णा और अक्षर पटेल ने 3-3 विकेट जबकि एक विकेट सिराज हासिल किया. पहले स्पेल के बाद उनका बॉलिंग एनालिसिस 7-0-27-3 रहा.
दीपक चाहर ने जिम्बाब्वे के विरुद्ध उसी की सरजमी पर सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी करने के मामले में श्रीनाथ (3/35, वर्ष 1992) कप पीछे छोड़ा.