क्रिकेट के गेम के दौरान मैदान में अब बड़े बदलाव नजर आएंगे. ऐसा इसलिए, क्योंकि इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने खेल से जुड़ी स्थितियों में फेरबदल कर दिया है. आईसीसी ने मंगलवार (20 सितंबर, 2022) को नए नियमों का ऐलान किया, जो कि एक अक्टूबर, 2022 से अमल में आ जाएंगे. रोचक बात यह है कि यह सिफारिशें आईसीसी मेन्स टी-20 वर्ल्ड कप से पहले प्रभाव में आ जाएंगी, जो कि ऑस्ट्रेलिया में होना है.
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के नेतृत्व वाली पुरुषों के क्रिकेट की कमेटी ने MCC’s updated 3rd Edition of the 2017 Code of the Laws of Cricket में इन बदलावों की सिफारिश की थी. इन निष्कर्षों को फीमेल क्रिकेट कमेटी के साथ भी शेयर किया गया था, जिन्होंने सिफारिशों का समर्थन किया. आइए जानते हैं खेल में कौन-कौन से प्रमुख बदलाव हुए हैं:
जब कैच आउट होगा प्लैयर तब कौन करेगा बैटिंग?
मान लीजिए कि कोई बल्लेबाज कैच आउट हो जाता है तब मैदान में नया बैट्समैन क्या करेगा? नए नियम के मुताबिक, वह स्ट्राइक लेगा और बैटिंग करेगा. ऐसा उस स्थिति में भी होगा, जब उससे पहले आउट होने वाला बैटर नॉन स्ट्राइकर एंड पर पहुंच गया हो. वैसे, पहले बल्लेबाज कैच लिए जाने से पहले अगर दूसरी ओर चला जाता था (रन लेते हुए) तब नया खिलाड़ी उसकी ‘जगह’ नॉन-स्ट्राइकर एंड पर आ जाता था.
गेंद पॉलिश करने के लिए लार का इस्तेमाल
इंटरनेशनल क्रिकेट में दो साल से अधिक समय से यह प्रतिबंध कोविड से जुड़े अस्थाई उपाय के तौर पर लागू है और बैन को स्थाई बनाने के लिए इसे सही माना गया है. कोरोना के प्रकोप के चलते मैदान पर वायरस के संक्रमण से बचने के लिए यह नियम लागू हुआ था. थूक पर लगे बैन के दौरान खिलाड़ियों ने गेंद को चमकाने के लिए पसीने का सहारा लिया था, जो कारगर साबित हुआ.
गेंद का सामना करने के लिए आने वाले बल्लेबाज की तैयारी
मैदान में आने वाले बल्लेबाज को अब टेस्ट और वनडे मैचों में दो मिनट के भीतर स्ट्राइक लेने के लिए तैयार होना होगा, जबकि टी-20 में 90 सेकंड की मौजूदा सीमा अपरिवर्तित रहती है. पहले आने वाले बल्लेबाज के पास वनडे और टेस्ट में स्ट्राइक लेने के लिए तीन मिनट का समय था लेकिन अब इसे कम कर दिया गया है. ऐसा करने में विफल रहने पर फील्डिंग टीम का कप्तान टाइम आउट के लिए अपील कर सकता है.
पिच से ही मार पाएंगे गेंद
अगर मैच के दौरान बॉल पिच से दूर जाकर गिरती है तब स्ट्राइकर को पिच के भीतर ही रहना होगा. अगर वह इससे आगे निकल जाते हैं तो अंपायर कॉल करेगा और डेड बॉल का संकेत देगा. कोई भी गेंद जो बल्लेबाज को पिच छोड़ने के लिए मजबूर करेगी, उसे भी नो बॉल कहा जाएगा.
फील्डिंग टीम से गलत मूवमेंट पर ये है सजा
गेंदबाज के बॉल फेंकने के दौरान कोई भी अनुचित और जानबूझकर गलत मूवमेंट अब अंपायर को डेड बॉल की कॉल के अलावा बल्लेबाजी टीम को पांच पेनल्टी रन देने का परिणाम दे सकता है.
ये भी है प्रमुख निर्णय
जनवरी 2022 में टी20ई में शुरू की गई इन-मैच पेनल्टी का रूल अब 2023 में आईसीसी मेन्स क्रिकेट वर्ल्ड कप सुपर लीग के पूरा होने के बाद वनडे मैचों में भी अपनाया जाएगी. यह नियम पहले से ही लागू किया जा चुका है. यह धीमी ओवर दर बनाए रखने के कारण टीमों पर लगाया जाता है.