इधर मां का उठा जनाजा उधर आंसुओं को ताकत बना विकेट उड़ा रहा था ये गेंदबाज, कोहली-सिराज जैसी है नसीम की कहानी

एशिया कप के अपने पहले मुकाबले में भारत ने चिर-प्रतिद्वंदी टीम पाकिस्तान को 5 विकेट से हारकर धमाकेदार शुरूआत की. इस मैच में भारत की तरफ से हार्दिक पांड्या और भुवनेश्वर कुमार ने बेहतरीन खेल दिखा कर मैच जिता दिया हो, लेकिन पाकिस्तान के नसीम शाह ने अपने गेंदबाजी, जोश और जज्बे से सभी का दिल जीत लिया. जब नसीम शाह सिर्फ 16 साल के थे. तब उनकी मां का निधन हो गया था. आज वह पाकिस्तान के अलावा सारी दुनिया के लिए हीरो बन गए हैं.

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डेब्यू मैच में किया कमाल
पाकिस्तान के खिलाफ नसीम शाह ने तूफानी गेंदबाजी की. खास बात ये रही कि नसीम शाह ने पाकिस्तान के लिए इस मैच से टी20 क्रिकेट में अपना डेब्यू किया. 19 साल के नसीम शाह ने अपने पहले ही ओवर में केएल राहुल जैसे खतरनाक गेंदबाज को पवेलियन भेज दिया. इसके बाद उन्होंने विराट कोहली को भी बड़े स्ट्रोक नहीं लगाने दिए. नसीम शाह ने सूर्यकुमार यादव का भी विकेट हासिल किया. अपने चार ओवर में उन्होंने 27 रन देकर 2 विकेट हासिल किए.

दर्द के बावजूद पूरा किया ओवर
पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम ने 18वां ओवर नसीम शाह को दिया. इस ओवर की में गर्मी और उमस की वजह से नसीम के पैर में क्रैंप हो गया. लेकिन वह मैदान छोड़कर नहीं गए. बल्कि उन्होंने अपना ओवर पूरा किया. इस ओवर में उन्होंने खतरनाक दिख रहे रवींद्र जडेजा को LBW भी कर दिया था. लेकिन थर्ड अंपायर की वजह से फैसला बदलना पड़ा. भारी दर्द में होने के बाद भी इस युवा प्लेयर ने अपना ओवर पूरा किया और सारी दुनिया के क्रिकेट फैंस का दिल जीत लिया.

मां बनाया क्रिकेट खेलने के काबिल
एनबीटी में छपी खबर के मुताबिक नसीम जब ऑस्ट्रेलिया में पाकिस्तान ए की तरफ से क्रिकेट मैच खेल रहे थे. तब उनकी मां का देहांत हो गया था. PSL में खेलने के दौरान उन्होंने बताया कि अम्मी के साथ बहुत अटैचमेंट था. मुझे उन्होंने इस काबिल बनाया कि मैं क्रिकेट खेल सकूं. मेरे अब्बू क्रिकेट के लिए बहुत ही सख्ती के साथ मना करते थे.

सिराज-कोहली जैसी है नसीम की कहानी
नसीम शाह की कहानी भी विराट कोहली और मोहम्मद सिराज जैसी है. 2020 में जब सिराज ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थे तब उनके पिता का निधन हो गया था. पिता के इंतकाब के बावजूद सिराज बीच दौरे से वापस आने के बाजाए वहीं खेल जारी रखा. और शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाई.

वहीं विराट कोहली की कहानी भी कुछ ऐसी ही रही है. कोहली जब दिल्ली के लिए रणजी खेलते थे तब उनके पिता का निधन हो गया था. कोहली उस वक्त क्रिकेट खेल रहे थे. उन्होने पिता के निधन के बावजूद मैच पूरा खेला.