बरेली/पीलीभीत: सांसद वरुण गांधी ने कहा कि गन्ने मूल्य बढ़ाने का मुद्दा उन्होंने अकेले ही उठाया है, इस विषय पर बोलने की हिम्मत कोई अन्य सांसद/विधायक नहीं जुटा सके हैं। गन्ना मूल्य को लेकर परोक्ष रूप से राजनीतिक दलों पर कटाक्ष करते हुए वरूण ने कहा कि टिकट कटने के डर से पार्टी के नेता ऐसे मुद्दे नहीं उठाते, लेकिन उन्हें इसका कोई डर नहीं है क्योंकि उनके परिवार ने निर्दलीय भी चुनाव जीता है।
आज पीलीभीत में संविदा कर्मियों जिनमें मनरेगा, स्वास्थ्य,आंगनबाड़ी,आशा बहुएं,शिक्षामित्रों व अन्य की वेदना को जाना।
संविदा कर्मी भी दूसरे सरकारी कर्मचारियों की तरह समान मानदेय के साथ समान सम्मान के भी हकदार हैं।नियमितीकरण और सम्मान की इस लड़ाई में मैं इनके साथ अंत तक खड़ा रहूंगा। pic.twitter.com/AqCCsYEzgB
— Varun Gandhi (@varungandhi80) December 20, 2021
गाँधी पीलीभीत संसदीय क्षेत्र के बहेड़ी विधानसभा क्षेत्र के दो दिवसीय दौरे पर आये थे। गन्ने का मूल्य बढ़ाने पर चर्चा करते हुए सांसद गांधी ने मंगलवार को कहा, ‘‘किसी सांसद विधायक की हिम्मत नहीं हुई है, केवल मैंने गन्ने का मूल्य बढ़ाने का मुद्दा उठाया, क्योंकि उन नेताओं को डर लगता है कि हमारा टिकट कट जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जनता की आवाज अगर जनप्रतिनिधि नहीं उठाएगा तो कौन उठाएगा। मुझे टिकट कटने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। मेरे परिवार ने निर्दलीय चुनाव जीते और कभी हारे नहीं है। मैं झूठ नहीं बोलूंगा जो सच है वही बोलूंगा सरकार तो आती जाती रहती है।’’ वरूण गांधी ने कहा कि वह क्रांतिकारी नेता हैं और लोगों के साथ अन्याय होता नहीं देख सकते। वह जो भी मदद करते हैं अपने निजी धन से करते हैं।
पीलीभीत से मिली एक दूसरी खबर के अनुसार भाजपा के स्थानीय सांसद वरुण गांधी ने जिलाधिकारी पर आरोप लगाया है कि जिले में आयोजित बांसुरी महोत्सव में व्यापारियों से चंदा वसूला जा रहा है। उन्होंने इस संबंध में जिलाधिकारी पुलकित खरे को पत्र भी लिखा है। हालांकि जिलाधिकारी से अभी तक कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई है। स्थानीय व्यापारियों का आरोप है कि बांसुरी महोत्सव के लिए प्रशासन ने उनसे पैसा लिया है। सांसद ने कहा कि हाल ही में व्यापारियों ने दिल्ली जाकर उन्हें इस मामले से अवगत कराया था।
सांसद ने जिलाधिकारी को पत्र के साथ साढ़े चार लाख रुपये का चेक भी भेजा है और व्यापारियों से वसूला गया चंदा वापस करने की बात कही है।