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गौतम अडानी बने भारत के सबसे बड़े महादानी

सुसंस्कृति परिहार

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अभी कुछ ही दिन गुजरे होंगे जब अडानी जी को दुनिया के छठवें नंबर के अमीर और एशिया के सबसे अमीर अरबपति होने का गौरव हासिल हुआ है। उनके पास मौजूदा समय में 95.5 अरब डॉलर की नेटवर्थ है। इस साल उनकी नेटवर्थ में 16 अरब डॉलर से ज्यादा की नेटवर्थ का इजाफा हुआ है। वो दुनिया के इकलौते ऐसे अरबपति हैं जिनकी नेटवर्थ में साल 2022 में 15 अरब डॉलर का इजाफा देखने को मिला है। उन्होंने भारत के सबसे रईस उद्योगपति मुकेश अंबानी को पीछे छोड़ , यह मकाम हासिल  किया है। वे 24जून को 60 साल के हो गए।यह सठियाने की उम्र मानी जाती है इसमें आदमी भक्ति भाव की ओर प्रवृत्त होकर दान वगैरह करने लगता है।यदि वास्तव में वे सठिया गए हैं तो बहुत अच्छा है।एक ऊंचाई छूने के बाद दुनिया के सबसे धनाढ्य व्यक्ति बिल ग्रेट ने भी इसी तरह का काम किया धन उपार्जन से सम्मोहन तोड़ा ।

बताया जा रहा है कि गौतम अडानी के 60 वें जन्मदिन और उनके पिता शांतिलाल अडानी के 100 वें जन्मदिन के अवसर पर अडानी परिवार ने गुरुवार 23 जून को दान के लिए 60,000 करोड़ रुपये देने का वादा किया। यह दान अडानी फाउंडेशन की ओर से किया जाएगा। यह भारत में किसी के भी ओर से किया गया अब तक का सबसे बड़ा दान है. इस दान को स्वास्थ्य, शिक्षा से संबंधित गतिविधियों में खर्च किया जाएगा। गौतम अडानी ने दान की घोषणा करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया और कहा कि योगदान “एक न्यायसंगत, भविष्य के लिए तैयार भारत के निर्माण” में मदद करना है। गौतम अडानी ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल विकास से संबंधित कार्यक्रमों को समग्र रूप से देखा जाना चाहिए क्योंकि वे सामूहिक रूप से एक समान और भविष्य के लिए तैयार भारत के निर्माण के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा कि “बड़ी परियोजना योजना और निष्पादन में हमारा अनुभव और अडानी फाउंडेशन द्वारा किए गए कार्यों से सीखने से हमें इन कार्यक्रमों में तेजी लाने में मदद मिलेगी।”

उनके इरादे बहुत नेक नज़र आ रहे हैं उन्होंने ये समझ लिया है कि भारत का निर्माण जिस तरह हो रहा है वह उचित स्वरुप नहीं है तभी वे कह रहे हैं एक न्यायसंगत भविष्य के लिए तैयार भारत के निर्माण खासतौर से सर्वार्थ, शिक्षा और कौशल विकास में अडानी फाउंडेशन द्वारा किए कार्यों से सीखने मिलेगा जिससे भारत निर्माण में मदद मिलेगी।उनकी सुचिंता के हम कायल हैं ।लगता है धीरे-धीरे वे समग्र देश की उन समस्याओं जिन्हें भारत सरकार घाटे के कारण बेचती जा रही है।उनको भी आत्मसात कर उसका उद्धार करेंगे।देश अभी उन्हें सिर्फ खरीदार नज़र आता है कल को देश गौतम अडानी मय हो जायेगा।देश की राजनैतिक हालत जिस जगह पहुंच चुकी है वहां एक चतुर व्यवसाई अपनी पूंजी से देश संवारेगा तो उचित ही कहा जायेगा कहने वालों का क्या वे तो कुछ कुछ कहते ही रहेंगे।

 बहरहाल अडानी घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के अध्यक्ष और विप्रो लिमिटेड के संस्थापक अध्यक्ष अजीम प्रेमजी ने कहा कि गौतम अडानी और उनके परिवार की परोपकार के प्रति प्रतिबद्धता एक उदाहरण स्थापित करना चाहिए कि हम सभी महात्मा गांधी के ‘ट्रस्टीशिप’ के सिद्धांत को जीने की कोशिश कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि देश की चुनौतियों और संभावनाओं की मांग है कि लोग एक साथ मिलकर काम करें, धन, क्षेत्र, धर्म, जाति और बहुत कुछ के सभी विभाजनों को काट दें. अजीम प्रेमजी ने कहा, “मैं इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय प्रयास में गौतम अडानी और उनके फाउंडेशन को शुभकामनाएं देता हूं।

  अडानी पहले से ही भारत के शीर्ष परोपकारी लोगों में से हैं। पिछले साल, वो देश के टॉप 10 दानवीरों में से एक थे जिसमें अनिल अग्रवाल ,अजीम प्रेमजी, शिव नादर, मुकेश अंबानी, कुमार मंगलम बिड़ला और नंदन नीलेकणी शामिल थे. EdelGive Hurun India Philanthropy List के अनुसार, 2021 में, प्रेमजी ने लगभग 9,713 करोड़ रुपये का दान दिया था।2020 में यह आंकड़ा 7,904 करोड़ रुपये का था।

हमारी सनातन संस्कृति में कर्ण , दधीचि,बाली और शिवि के दान प्रसिद्ध हैं। लेकिन हरिश्चंद का दान लोग बार बार दोहराते हैं।दान करने से धन की बरक्कत होती है ऐसा कहा जाता है। इसलिए कमज़ोर से कमज़ोर व्यक्ति भी दान करना अपना धर्म समझता है।एक बात और जो महत्वपूर्ण है कहा जाता है दान करना और उसका प्रचार करना अशुभ  होता है उसका सुफल नहीं मिलता।आज दान देकर उसका प्रतिदान लेने का नियम चलन में है।काले धंधे करने वाले अक्सर गुप्त दान मंदिरों में करते हैं जिससे पुण्य कमाया जाए।कहते हैं इस काले धन के बदौलत ही तिरुपति बालाजी और सिद्धिविनायक मंदिर मुंबई की अकूत कमाई है। लेकिन वहां इनकम टैक्स के छापे नहीं पड़ते।कम से कम ये अच्छा हो रहा है कि ई डी,तथा इनकम टैक्स वाले उन लोगों के यहां जो सरकार विरोधी हैं छापामार कर ये बता तो रहे हैं कि देश में कितना अवैध रूप से कमाया धन है।इन छापों से हम कल्पना कर सकते हैं कि फिर सत्ता और उच्च पदों पर काबिज़ लोगों के यहां कितना धन मिलेगा। लेकिन ये भारत है यहां जिसकी जुगाड़ ऊपर तक है उसका बाल बांका कोई नहीं कर सकता।

आज गौतम अडानी को इस उच्चतम शिखर पर बैठाने वाले को आप बख़ूबी जानते पहचानते हैं।अडानी हमारे मोदी साहिब के साथ लगभग हर विदेशी दौरे में साथ रहे उनकी बदौलत विदेशों में अडानी की जो साख बनी है उसके पीछे भारत सरकार है। हालांकि यह भी सच है कि मोदीजी को 2014चुनाव के दौरान अडानी ने जो सहयोग दिया यह सब उसका प्रतिदान था।एक कुशल व्यापारी की तरह भारत सरकार ने अडानी को जो तरक्की दिलाई वह काबिले तारीफ है। इससे देश का माथा ऊंचा हुआ है।आने वाला कल अब इस महादानी का होगा इसमें शक नहीं।अडानी की तरक्की से कारपोरेट को सीखना चाहिए।इस महादान से यह सिद्ध हो रहा है कि आगे ‘अडानी इज़ इंडिया’ ही देश की पहचान बन जायेगा।देश में बढ़ते निजीकरण से भी यह साफ़ साबित होता है।आइए अडानी जी का यशगान करें।वे साठ के हुए हैं बधाई लेकिन लगता है उन्होंने सठियाने की जगह देश निर्माण का पाठ ,ठाठ बाट से पढ़ा और समझा है।